Tuesday, July 30, 2019

प्रार्थना

ऊँ श्री सरस्वती देवी माताय नमः
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जय माँ सरस्वती

मैं आया दरबार तुम्हारे,
महामूर्ख अज्ञानी हूॅ,
निर्बुद्धि घमण्ड से चूर मैं माता,
शरण तुम्हारी आया हूॅ।
विद्या क्या है कभी न समझा,
बुद्धि भी कैसे आयेगी,
एक सहारा तुम ही हो माता,
हाथ फेर दो मेरे सर पर।
बुद्धि हीनता दूर करो माँ,
अज्ञान मेरा तुम हर लो,
ज्ञान का एक दीपक जला दो,
तन-मन मेरा उज्जवल हो जाये।
सौम्य रूप तुम्हारा अति प्यारा है,
वीणा की झंकार अति मृदुल है,
उच्छृंखल मैं बहुत हूॅ माता,
थोड़ी सौम्यता मुझे तुम दे दो,
वाणी भी मेरी अति कर्कश है,
वीणा की झंकार इसे तुम दे दो,
मैं आया दरबार तुम्हारे,
महामूर्ख अज्ञानी हूॅ।।

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