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Wednesday, August 7, 2019

प्रार्थना

ऊँ श्री विष्णुयाय नमः
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जय श्री हरि

हे दुःख हर्ता हे सुख कर्ता,
तुम हो जग के पालन कर्ता,
तुम कंस के लिए कृष्ण हो,
और रावण के लिए राम हो,
हिरण्याकुश के नरसिंह हो,
तो भस्मासुर के लिए मोहिनी हो।
दुष्टों के संहारक हो,
न जाने रूप तुम्हारे कितने हैं,
जो रूप याद किया जाता है,
उसी रूप में प्रकट हो जाते हो।
तुम लक्ष्मी पति हो स्वामी,
बलि के लिए रूप तुम्हारा वामन है,
अब याद हमें भी आते हो,
हे दुःख हर्ता हे सुख कर्ता,
तुम हो जग के पालन कर्ता।।





प्रार्थना

ऊँ श्री सरस्वती देवी माताय नमः
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जय माँ सरस्वती

ज्ञान बुद्धि विद्या की तुम हो माता,
मैं रहित इनसे हूॅ माता,
ले लो शरण मुझको तुम माता,
भिक्षा दान इन्हें मुझको कर दो।
हाथ फेर दो सर पर माता,
गोद ले लो मुझको माता,
वीणा की झंकार भी दे दो माता,
वाणी मृदुल कर दो माता।
शान्त गम्भीर तुम हो माता,
शान्ति दे दो मुझको माता,
मैं उच्छृंखल बहुत हूॅ माता,
गम्भीर मुझे कर दो।
रूप तुम्हारा जग लुभावन माता,
यही रूप मुझे दे दो,
प्रेम भरी हो वाणी मेरी माता,
रूप सौम्य मेरा कर दो।।

Monday, August 5, 2019

प्रार्थना

जय श्री राम
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श्री हनुमते नमः

पर्वत से तुमने लंका जो देखी,
अति विशाल अति सुन्दर नगरी को,
प्रवेश करना था लंका में तुमको,
पर प्रवेश ही बड़ा दुरूह था।
द्वार बने थे अति विशाल अति दुर्गम,
एक से एक बलशाली दानव,
लंका की रखवाली करते थे,
द्वार पर उनकी नजर पैनी रहती थी।
छुप न पाता था कोई भी नजरों से उनकी,
तब हनुमन् तुमने माया एक खेली,
करके धारण मच्छर रूप को,
प्रवेश लंका में करना चाहा।
लेकिन बच न पाये लंकिनी की नजरों से,
देख लिया उसने एक अपरिचित,
लंका में प्रवेश करता है,
रोक लिया उसने द्वार पर तुमको,
और तुम्हारा परिचय जानना चाहा।।

Sunday, August 4, 2019

प्रार्थना

ऊँ नमः शिवाय
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जय शंकर

कांवड़ियों की टोली निकली है,
कांधे पर कांवड़ है उनके,
द्वार तुम्हारे पहुंच रहे सब,
दर्शन तुम्हारे पाने को।
बम बम बम बम बोल रहे सब,
शिव शिव सब जाप रहें हैं,
ऊँ नमः शिवाय की धूम मची है,
पृथ्वी पूरी शिव मय है।
तन्द्रा तुम तोड़ो हे शंकर,
ऑख खोलकर देखो तो,
कितनी भीड़ जमा हुई है,
दरबार तुम्हारा भरा हुआ है।
कृपादृष्टि डालो हम सब पर,
भला करो सबका हे शंकर,
भक्त तुम्हारे हम सब हैं स्वामी,
भक्तों का कल्याण करो तुम भगवन्।।

Saturday, August 3, 2019

प्रार्थना

ऊँ श्री दुर्गाय नमः
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जय माँ दुर्गा

जय अम्बे जय दुर्गे मइया,
शरण तुम्हारी मैं आया हूॅ,
अपने आठों हाथ बढ़ाओ,
ले लो शरण में मुझको तुम मइया।
मैं निरीह अति निर्बल प्राणी,
तुम शक्ति महा शक्तिशाली हो मइया,
मुझ निर्बल का ध्यान तुम रखो,
शक्ति मुझे कुछ दे दो मइया।
दरबार तुम्हारा बहुत बड़ा है,
मैं असहाय एक याचक हूॅ मइया,
सहारा एक खोज रहा हूॅ,
तुम ही एक सहारा हो मइया।
काम-क्रोध आदि दुष्टों ने,
मुझको आकर घेरा है मइया,
अपनी शक्ति दिखाओ माता,
इन दुष्टों से मुक्त करो तुम मइया।।

Friday, August 2, 2019

प्रार्थना

जय श्री राम
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श्री हनुमते नमः

चले श्री राम दूत हनुमान,
सीता का पता लगाने को,
आकाश मार्ग को वे उड़े,
पवन से भी तेज वेग उनका था।
छलांग लगाई जिस पर्वत से,
चला गया वह जमीन के अन्दर,
"जय श्री राम"का उद्घोष लगाकर,
चल पड़े समुद्र उस पार।
समुद्र पार एक पर्वत पर चढ़कर,
देखा सोने की लंका को,
अति प्यारी अति सुन्दर,
छटा अति निराली थी उसकी।
दानव दिग्गज अति बलशाली को,
मल्लयुद्ध करते देखा,
किसी को मदिरा-मांस का,
सेवन करते देखा।।

Thursday, August 1, 2019

प्रार्थना

ऊँ श्री लक्ष्मी देवी माताय नमः
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जय महालक्ष्मी

ऊँ जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता,
आओ मेरे घर में तुम,
भण्डार मेरा भर दो,
ऊँ जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता।
मैं एक भिक्षुक हूॅ माता,
पुत्र तुम्हारा ठहरा,
ले लो शरण में अपनी तुम,
उद्धार मेरा कर दो,
ऊँ जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता।
मैं प्यासा दर्शन को तुम्हारे,
दर्शन दे दो माता,
तुम्हारी माया में मैं उलझा हूॅ,
उलझन दूर करो माता,
ऊँ जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता।
अंधेरा छाया है मेरी अंखियों में,
अंधेरा दूर करो माता,
लेकर चमक को अपनी तुम,
जगमग दुनिया मेरी कर दो,
ऊँ जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता।।

Wednesday, July 31, 2019

प्रार्थना

ऊँ श्री विष्णुयाय नमः
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जय श्री हरि

डूब रहा मैं भवसागर में,
भवसागर यह पार करा दो स्वामी,
बड़ा विकट यह भवसागर है,
तुम ही एक खेवनहार हमारे हो।
कष्टों की लहरें आतीं हैं,
दुःखों का ज्वार सा आता है,
तुम ही इसके कारक हो,
तुम ही तारणहार हो स्वामी।
रावण से पृथ्वी डोली थी,
राम बनकर तुम आये थे,
कंस का अंत करने को,
कृष्ण बनकर तुम आये थे स्वामी।
दुष्ट जब नृत्य करते धरती पर,
तुम रूप बदल-बदल कर आते हो,
करके संहार तुम दुष्टों का,
चले क्यों जाते हो भगवन्?

Tuesday, July 30, 2019

प्रार्थना

ऊँ श्री सरस्वती देवी माताय नमः
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जय माँ सरस्वती

मैं आया दरबार तुम्हारे,
महामूर्ख अज्ञानी हूॅ,
निर्बुद्धि घमण्ड से चूर मैं माता,
शरण तुम्हारी आया हूॅ।
विद्या क्या है कभी न समझा,
बुद्धि भी कैसे आयेगी,
एक सहारा तुम ही हो माता,
हाथ फेर दो मेरे सर पर।
बुद्धि हीनता दूर करो माँ,
अज्ञान मेरा तुम हर लो,
ज्ञान का एक दीपक जला दो,
तन-मन मेरा उज्जवल हो जाये।
सौम्य रूप तुम्हारा अति प्यारा है,
वीणा की झंकार अति मृदुल है,
उच्छृंखल मैं बहुत हूॅ माता,
थोड़ी सौम्यता मुझे तुम दे दो,
वाणी भी मेरी अति कर्कश है,
वीणा की झंकार इसे तुम दे दो,
मैं आया दरबार तुम्हारे,
महामूर्ख अज्ञानी हूॅ।।

प्रार्थना

जय श्री राम
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श्री हनुमते नमः

एक हाथ में गदा है उनके,
एक हाथ पर सुमेर उठाये,
चले हनुमान संजीवनी लेकर,
लक्ष्मण के प्राण बचाने हैं।
लंका उस पार मूर्छित लक्ष्मण हैं,
श्री राम व्याकुल बहुत अधिक हैं,
अगर लक्ष्मण जीवित न होंगे,
तो दुनिया को क्या मुंह दिखाऊंगा?
सभी वानर चिन्तित वहाॅ पर,
श्री राम को सांत्वना दे रहे,
हनुमान की सभी प्रतीक्षा करते थे,
लेकिन उनके आने तक शंका बनी हुई है।
देख हनुमन् को आता हुआ,
हर्षित हो गयी वानर सेना,
पवनसुत हनुमान की जय हो,
अंजनि पुत्र हनुमान की जय हो,
उद्घोष किया तब सबने मिलकर।।