Saturday, August 10, 2019

ऊँ श्री पार्वती देवी माताय नमः

एक नाम के कई रूप तुम्हारे हैं,
कभी दुर्गा कभी काली बनकर आती हो,
वैष्णवी के रूप में तुमने,
भैरव को मारा था,
किंतु दयावान बहुत हो,
आशीष बाद में दे ही दिया।
काली बनकर आयी थी,
दुष्टों का संहार किया,
दुर्गा बनकर आयी तो,
महिषासुर को मार दिया।
दयावान बहुत हो माता,
साधु-संत जानते हैं,
पर दुष्टों के लिए काल हो,
रौद्र रूप भी रखती हो।।

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