Sunday, August 11, 2019

हमारी आजादी

शहीदों के खून से रंगी,
आजादी में हम जी रहें हैं,
यह उनका ही ज़िगर था,
सीने पर गोलियां खाते थे।
खुद तो आजाद हो गये वे दुनिया से,
आजाद दुनिया हमको दे गये,
हँसते चढ़ गये फाँसी पर,
चेहरे पर शिकन न आने दी।
भारत माँ आजाद होवेगी,
यह सपना वे देखा करते थे,
कितने खो गये भीड़ में,
कितने अमर हो गये।
न तो नाम का लालच था,
न ललक किसी बात की थी,
बस एक इच्छा थी उनकी,
जंजीरों को हम ही तोड़ेंगे।
भारत ऋणी रहेगा उनका,
जो कुर्बान इस पर हो गये,
कुर्बानी देकर भी अपनी,
आजाद भारत कर गये।।

No comments:

Post a Comment