Wednesday, September 18, 2019

                           आप बीती
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जी हाँ,
मैं जो कुछ भी कहने जा रहा हूॅ,सत्य है।क्योंकि यह मेरी आप बीती है और इसे इसलिये कह रहा हूॅ  कि सभी इससे सींखे और जितना हो सके सबका भला करें।
अधिक दिन की तो बात नहीं है बस  २०१० से लेकर २०१२  तक की बात है।२०१० से ही पता नहीं क्यों मेरे दाहिने हाथ में चलते समय दर्द रहने लगा।जब मैं बैठ जाता तो दर्द गायब हो जाता।मैंने कोई गौर नहीं किया।रोज ड्यूटी जाता रहा सभी काम करता रहा।धीरे-धीरे दर्द बढ़ने लगा वह दाहिने हाथ की ऊँगली से उठता हुआ पूरी पीठ तथा दोनों कंधों पर होने लगा।मैं परेशान होने लगा।धीरे-धीरे यह दर्द असहनीय होने लगा।मैं थोड़ा-थोड़ा चलता।दर्द उठने लगता तो बैठ जाता था।दर्द को समझता "गैस" की बिमारी है।मेरी इस नादानी का नतीजा यह हुआ कि चलते हुए दर्द मेरे दिल में होने लगा।फिर भी गैस समझकर मैंने इस गौर नहीं किया।एक दिन मैंने हड्डी के डाक्टर को दिखाया तो उसने मुझे कुछ दिन आराम करने की सलाह दी।उस समय मेरे एक अधिकारी हुआ करते थे,नाम तो मैं बताऊँगा नहीं कहीं बुरा न मान जायें,छुट्टी के मायने में बहुत कड़क थे।मैंने उनको बताया उन्होंने चार दिन की छुट्टी दे दी।तब मैंने जाना कि वे एक सच्चे इंसान है।छुट्टी देने के मायने में इसलिये कड़क थे कि हम निरंकुश न हो जाये।लेकिन उसी दिन दर्द ने भयंकर रूप लिया और एक बार जो उठा बढ़ता ही गया।कम होने का नाम ही नहीं ले रहा था।पूरा हाथ,पीठ,
कंधें,दिल दर्द करने लगा।किसी तरह घर पहुंचाया गया।पसीने-पसीने मैंने डाक्टर को दिखाया तो उसने कहा,
"यह तो एंजाइना दर्द है जिसका असर हार्ट पर होता है।"मैं एक हफ्ते अस्पताल में भर्ती रहा।डिस्चार्ज होकर घर आया।"एनजिओ ग्राफी" करवाई तो पता चला दिल को खून की आपूर्ति करने वाली दो धमनियां Block हैं।
"एनजिओ पलास्टी" करवानी पड़ी।पैसे नहीं थे तीन लाख रुपये मेरे पास नहीं थे तो मेरी भतीजी तथा उसके पति ने इलाज करवाया।मैं उनका एहसान मंद रहूँगा।इलाज के बाद वापस ड्यूटी पर पहुंचा तो अधिकारी महोदय मेरी ड्यूटी ही बदल दी।यह नहीं कि मुझे बैठाकर वेतन दिलवाते थे बल्कि मेरे शरीर लायक, जिसमें मानसिक तनाव न हो, काम ही मुझे सौंपते थे।इस प्रकार मैं स्वस्थ हुआ।हालाँकि वह अधिकारी महोदय उम्र में मुझसे छोटे हैं।लेकिन मैं उनका पैर छूता हूॅ।इसलिये नहीं कि वे अधिकारी हैं बल्कि इसलिए कि वे सही मायने में सच्चे इंसान हैं।और दूसरे इंसान मेरी भतीजी के पति हैं।

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