Wednesday, October 30, 2019

                कानाफूसी मत कीजिये
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जी हाँ,
          कभी भी, कानाफूसी मत कीजिये।मैंने बहुत से लोगों को देखा है कि बातचीत के दौरान कानाफूसी करतें हैं।कानाफूसी जहाँ एक ओर दूसरों की शिकायत करने का द्योतक है तो दूसरी ओर दूसरों का मजाक उड़ाने का।कानाफूसी के दौरान हम अपनी वास्तविक आवाज का प्रयोग न करके बनावटी धीमी आवाज का प्रयोग करतें हैं जिसका सीधा असर हमारे दिल दिमाग तथा शरीर पर पड़ता है।कानाफूसी के दौरान हमें डर रहता है कि हमारी बातें अमुक व्यक्ति न सुन ले जो हमारे दिल पर सीधा प्रभाव डालता है। कानाफूसी में दिल और दिमाग दोनों को ही कन्ट्रोल करना पड़ता है जो हमारी काफी ऊर्जा को बर्बाद कर देता है।कान भी धीमी आवाज सुनने के आदी हो जातें हैं जिससे दिमाग पर अतिरिक्त दवाब पड़ता है जिससे हमारी जिन्दगी कम हो जाती है।

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