Friday, January 17, 2020

साठ के ऊपर दम्पति

साठ के ऊपर दम्पति 
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old Age


पागलपन भी कैसा है यह, 
तुम बिन हम रह नहीं सकते, 
जीवन-संघर्ष किया है साथ तुम्हारे, 
रहेंगे भी तुम बिन हम कैसे?
जब जवां हम दोनों थे, 
वह समय भी याद है हमको, 
संघर्षरत जब हम दोनों थे,
अब तो तुम्हारा साथ  मिला है।
यह उम्र भी कितनी अजीब है, 
जवानी का संघर्ष बिता कर, 
फुर्सत से फिर हम दोनों हैं,
उड़ने का मन करता है, 
गर तुम साथ रहो तो।
अहोभाग्य मेरा है यह तो, 
तुम अब भी मेरे साथ खड़े हो, 
साथ जियें अब साथ मरें हम,
बस यही इच्छा है अब तो।।

आज के लिए इतना ही...धन्यवाद
अगर आपको यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो कृपया कमेंट और शेयर करें... सुधीर श्रीवास्तव

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