मैं तो मरने वाला था
अरे,
आप तो चिहुंक पड़े,
लेकिन बात सही है,
कल रात मैं मरने वाला था।
सोया था गहरी नींद में,
दिन भर का थका हुआ था,
बिल्कुल बेसुध था,
होश भी नहीं था मुझको।
मैंने देखा,
दरवाजे पर भैंसे पर सवार,
एक अजीबो-गरीब व्यक्ति आया है,
सामने वाले से मेरा पता पूछ रहा था,
कुछ-कुछ पहचाना सा लगता था,
याद आया,
टीवी पर अक्सर आता है,
और,
यमदूत कहलाता है।
सामने वाले उसे बताने से कुछ भी,
डर रहे थे।
मैं खुद बाहर आ गया,
बोला,
"कौन हो भाई,
मुझे क्यों पूछ रहे हो?"
वह बोला,
"यमदूत हूॅ,
तुझे लेने आया हूॅ,
चल अब मरने को तैयार हो जा।"
मैं बोला,
"अबे,
तू पागल है क्या,
जो मुझे लेने आया है?"
वह सकपका गया,
बोला,
"मैं पागल नहीं,
यमराज की आज्ञा हुई है।"
मैं बोला,
"कौन यमराज बे,
क्या मैं उसके बस का हूॅ,
साले,
बाप का कहा तो कभी माना नहीं,
तेरे यमराज की मानूंगा क्या?"
लेकिन,
वह जिद्दी था यमराज का दूत जो था,
मैं भी जिद्दी था,
आखिर मनुष्य जो था,
अपने आगे किसी को कुछ समझा नहीं,
इसको क्या समझता मैं?
बस,
हम दो जिद्दी टकरा गये,
अन्तर केवल इतना था,
मैं मनुष्य वाकई बहुत जिद्दी,
वह ड्यूटी से मजबूर था।
वह मारने को तैयार था,
पर,
मैं मरने को तैयार न था,
मैं बोला,
"पहले यह तो बता,
यमराज पागल है क्या?
बूढ़ा बाप मेरा अभी जिन्दा है,
वह,
जवान बेटे को मरवा रहा?
कभी-कभी मैंने देखा है,
छोटे-छोटे बच्चों पर तरस न खाकर,
वह जवान बाप को उठवा लेता है क्यों?"
यमदूत खिसिया गया बेचारा,
तुरन्त यमराज को मोबाइल खड़खड़ा दिया,
बोला,
"सरकार,
अब की तो मेरा,
पक्के मनुष्य से पाला पड़ गया,
न बाप की सुनता है,
न आपको कुछ समझता है,
बहस ऊपर से करता है,
यह मेरे वश का नहीं,
अब आप खुद ही इसे ले जाइये।"
यमराज आये,
बोले,
"बेटा,
दिन तेरे हुए,
चल,
मेरे साथ चलना है तुझको।"
मैं बोला,
"तेरा नौकर हूॅ क्या?
माँ-बाप भाई-बहन को तो कुछ समझा नहीं,
तुझे क्या समझूंगा?
अच्छा,
चल यही बता दे,
बाप के दिन पूरे नहीं होते,
बेटे के क्यों पूरे हो जाते हैं,
कभी-कभी ८०-९० साल के बाप के दिन पूरे नहीं होते,
कभी-कभी ३०-४० साल के बाप के दिन पूरे क्यों हो जातें है?"
तमतमा उठे यमराज भी,
बोले,
"यह तो पक्का मनुष्य है,
ऐसे तो यह न मानेगा।"
तभी पत्नी की आवाज मे कानों में पड़ी,
"अजी,
अब उठो भी,
आठ बज गये,
ऑफिस नहीं जाना हैं क्या?"
यमराज चौंक पड़े तुरन्त ही,
"अरे बाप रे,
यह कहाँ से आ टपक पड़ी।"
कहकर घबड़ा उठे,
और मुझे छोड़कर भाग गये।।
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