Tuesday, August 20, 2019

दहेज प्रथा

  दहेज प्रथा

   

Dowry System


विवाह क्या है?
दों परिवारों, दों संस्कारो, दों विचार धाराओं, दों दिलों, दों सपनों, दों अरमानों आदि का पवित्र मिलन ही तो है।जिसके अंतर्गत पहले आती है, "कुण्डली" शादी से मना करने का अचूक हथियार। कुण्डली में सभी गुण मिल भी गये तो बात अटकेगी दहेज पर, जिसमें लड़के वाले अपनी औलाद का दाम लगातें हैं, वैसे ही जैसे लोग सब्जी का मोल-भाव लगातें हैं, जो अधिक दाम लगायेगा लड़का खरीद लेगा।
माँ-बाप का कहना रहता है, "भाई, हमने लड़का पढ़ाया-लिखाया तो उसका तो खर्च लेंगे ही, अभी एक बेटी ब्याहनी है, उसका खर्च कहाॅ से पूरा करेंगे।"
यह भी खूब रही बेटी इनकी शादी का खर्च लड़के की होने वाली पत्नी के माँ-बाप से ऐंठे, मैंने तो यहाँ तक देखा है कि लड़की के माँ-बाप भी दहेज देने से पीछे नहीं हटते लड़का वाला मना भी कर देगा तो कहेंगे, "भाईसाहब, मेरे दरवाजे की भी शोभा है, मुझे भी दुनिया को दिखाना है नहीं तो सब कहेंगे लड़की को खाली हाथ भेज दिया, आप माँगें या न माँगें हम तो 'यह' देंगे ही।"
इसके बावजूद लड़की वाले कहेंगे, "इतना दे रहा हूॅ बिल्कुल भिखारी हैं लड़के वाले, पेट नहीं भर रहा है उनका।"
लेकिन जब लड़की वाला अपने लड़के की शादी करता है तो यही बात उस पर भी लागू होती है। अपना समय भूलकर लड़का वाला बन जाता है।
मेरे विचार से ऐसा इसलिए है कि माँ-बाप को अपने लड़के पर और लड़के को खुद पर विश्वास नहीं रहता है, वे खुद, जो चीजें दहेज में लड़की वाले से माँग रहें हैं, अपने दम पर उन्हें पूरा कर सकतें हैं।
कभी-कभी लड़की को भी सोचते देखा है कि, "मेरी शादी में पापा यह देंगे ही।" यह पापा की मजबूरी न समझते हुए भी दहेज को बढ़ावा देना ही है।
दहेज माँगने वाले और एक भिखारी में क्या अन्तर है? मैं तो समझता हूॅ कुछ नहीं, भिखारी सड़क पर घूम-घूम कर भीख माँगता है तो दहेज माँगने वाले बड़ी बड़ी अट्टालिकाओं में छुप कर माँगतें हैं।
इस दहेज को रोकना ही है जिसके लिए युवा पीढ़ी को आगे आना होगा। उसे खुद स्पष्ट करना होगा कि,
"वे दहेज की शादी नहीं करेंगे।"

आज के लिए इतना ही...धन्यवाद
अगर आपको यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो कृपया कमेंट और शेयर करें... सुधीर श्रीवास्तव

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