Wednesday, November 6, 2019

विमला बहन जी

विमला बहन जी

My teacher

बात कर रहा हूॅ जब मैं कक्षा पाँच में पढ़ता था। लड़कों के लिए विद्यालय में सीट नहीं खाली थी अतः पिताजी ने मेरा नाम लड़कियों के साथ लिखा दिया था। मैं विद्यालय में लड़कियों के साथ बैठता, जिसके कारण मेरे अन्दर एक हीन भावना आ गई थी। लड़के भी चिढ़ाते, "20 लड़कियों में एक लड़का नाक कटाने आया है।" जो मेरी हीन भावना को और बढ़ाने के लिए बहुत था। मैं लड़कों से बोल नहीं पाता था और लड़कियों को दोस्त नहीं बना पाता था। मैं उस समय पढ़ने में बहुत अच्छा था हमेशा ही अच्छे नम्बरों से पास होता था, बाद में संगति बिगड़ी और मैं बिगड़ा।
मैं ध्यान देता विमला बहनजी मुझ पर मेहरबान रहतीं थीं तो बहुत कड़क मिजाज की विद्यालय के जिस रास्ते से गुजरतीं हल्ला हो जाता, "विमला बहनजी आ रहीं है।" हर लड़का या लड़की दुबक जातें थें,ec सन्नाटा और केवल सन्नाटा ही रहता था।
एक दिन चपरासी ने मुझे बताया कि, "तुम्हें विमला बहनजी ने बुलाया है।" सुनते ही मुझे काटो तो खून नहीं लेकिन जाना तो पड़ा ही विमला बहनजी की बात जो थी, मैंने कांपते पैरों से उनके कमरे का दरवाजा खोला बोला, "मे आई कम इन मैडम?"
उन्होंने रोबीली आवाज में कहा, "यस कम इन।"
मैं कमरे घुसा, उन्होंने सर पर हाथ फेरते हुए कहा, "मैं तुम्हारी हीन भावना को अच्छी तरह समझती हूॅ पर विद्या का कोई स्थान नहीं होता चाहे तुम लड़कियों के बीच बैठो या लड़कों के बीच. विद्या समान ही रहेगी. बदलती हैं तो दिमागी दशा. तुम एक अच्छे विद्यार्थी हो मन लगाकर पढ़ो मुझे तुमसे आशा है।
उनकी बातें मन को लगीं मैं विद्यालय में प्रथम आया, नाम दूसरे विद्यालय में लिख गया।
काश,
विमला बहन जी फिर मिल जातीं।


आज के लिए इतना ही...धन्यवाद
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